शाश्वत वाद का अर्थ
[ shaashevt vaad ]
परिभाषा
संज्ञा- यह दार्शनिक सिद्धांत कि आत्मा एक रूप, चिरंतन और नित्य है, उसका न तो कभी नाश होता है और न कभी उसमें किसी तरह का विकार आता है:"हमारे गुरुजी शाश्वतवाद के अनुयायी हैं"
पर्याय: शाश्वतवाद, शाश्वत-वाद